यह घटना शिमला में हुई है आपको बता दें कि एक पुलिस का जवान 17 सितंबर 2025 को नया शिमला पुलिस थाना में अपनी घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करने जाता है लेकिन उसको पुलिस थाने में बैठे हुए काफी समय हो गया था
और उसकी शिकायत नहीं लिखी जा रही थी जब उसने वहां पर बैठे पुलिस कर्मचारियों से पूछा कि मेरी शिकायत क्यों नहीं लिखी जा रही है तो पुलिस कर्मचारियों का एक ड्राइवर उसी पुलिस वाले को जो शिकायत लिखा लिखवाने पुलिस थाने आया था
उसको खींचकर नीचे के कमरे में खींच कर ले गया और यह ड्राइवर एक होमगार्ड का जवान है और फिर एक महिला पुलिसकर्मी आई और दोनों ने उसको मारना और पीटना शुरू कर दिया और उसको फिर पुलिस थाने के बाहर फेंक दिया पहले
तो इसकी किसी को भी कोई खबर नहीं लगी लेकिन युवक खून से लटपट हालत में जब अस्पताल पहुंचा तो मामला फिर सबके सामने आ गया और जब उसका मेडिकल हुआ तो मेडिकल में साफ हो गया कि प्लीज कर्मचारियों के कान नाक हाथ पीठ और तकरीबन सभी जगह मारपीट के निशान पाए गए हैं
एडिशनल एसपी नवदीप सिंह ने इस मामले की पुष्टि की है और जांच शुरू हो गई है लेकिन क्या सवाल फिर वहीं खड़ा हो जाता है की विमल नेगी के केस की तरह क्या इस केस को भी दबा दिया जाएगा या फिर इसमें पुलिस कर्मचारियों को न्याय मिलेगा सोचिए एक पुलिस कर्मचारी ही अपने लिए न्याय मांग रहा है तो हिमाचल प्रदेश की न्याय व्यवस्था की और पुलिस प्रशासन की क्या ही हालत है

